sidh kunjika Fundamentals Explained



दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

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मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर click here इसे शुरू करें.

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।

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